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Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya (4th Edition) Hardbound (Hindi)

Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya (4th Edition) Hardbound (Hindi)

Piyush Mishra
264 300 (12% off)
ISBN 13
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9788126728435
Year
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2017
सिनेमा और थिएटर के अन्तरिक्ष में विधाओं के आर-पार उडनेवाले धूमकेतु कलाकार पीयूष मिश्रा यहाँ, इस जिल्द के भीतर सिर्फ एक बेचैन शब्दकार के रूप में मौजूद हैं ! ये कविताएँ उनके जज्बे की पैदावार हैं जिसे उन्होंने अपनी कामयाबियों से भी कमाया है, नाकामियों से भी ! हर अच्छी कविता की तरह ये कविताएँ भी अपनी बात खुद कहने की कायल हैं, फिर भी जो ख़ास तौर पर सुनने लायक है वह है इनकी बेचैनी जो इनके कंटेंट से लेकर फार्म तक एक ही रचाव के साथ बिंधी है ! दूसरी ध्यान रखने लायक बात ये कि इनमें से कोई कविता अब तक न मंच पर उतरी है, न परदे पर ! यानी यह सिर्फ और सिर्फ कवि-शायर पीयूष मिश्रा की किताब है !