V P Singh, Chandrashekhar, Sonia Gandhi aur Mai (Hindi)
वी.पी.सिंह, चंद्रशेखर, सोनिया गाँधी और मैं, एक साधारण किताब नहीं है यह भारत के उस बदलते समय का ‘इतिहास ग्रंथ ' है जो अब तक ना कहा गया ना लिखा गया। वी.पी. सिंह, चंद्रशेखर और सोनिया गाँधी से जुड़ी यादें सिर्फ़ यादें नहीं हैं बल्कि यह भारत के उस राजनीतिक कालखंड का दस्तावेज़ हैं जो सबसे ज्यादा हलचल भरे रहे हैं। भारत का राजनीतिक इतिहास लिखने की परम्परा अभी प्रारम्भ नहीं हुई है लेकिन जब भी इतिहास लिखा जाएगा यह कालखंड उसका अनिवार्य अंग होगा। यह राजनीतिक इतिहास का वह हिस्सा है जिसकी घटनाएँ छुपी रहीं, लोगों की नज़रों में आई ही नहीं जबकि इसका रिश्ता राजीव गाँधी, वी. पी. सिंह, चंद्रशेखर और सोनिया गाँधी से सीधा रहा है और यह सिलसिला मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री बनने पर खत्म होता है। इस किताब की खास बात यह है कि इसका हर एक पन्ना, 'एक कहानी' कहता है । जिस पन्ने को पलट कर देखिए उस पर एक ऐसी घटना दर्ज है जो पढ़ने वाले को बाँध लेती है । पढ़ने वाला यह किताब पूरी पढ़े बिना छोड़ नहीं पाता है। यह भारत के राजनैतिक इतिहास की ऐसा दस्तावेज़ है जिसे हर हिन्दुस्तानी को पढ़ना चाहिए और समझना चाहिए। उस एक 'वक़्त के टुकड़े' में भारत किस तरह विकसित हुआ, कैसे लम्हा-लम्हा आगे बढ़ा, क्या फ़ैसले लिए गए, वो कैसे हालात थे और वो कौन लोग थे जिन्होंने भारत की तस्वीर बदल देने वाले निर्णय लिए। संतोष भारतीय अगर यह किताब ना लिखते तो भारत के इस राजनैतिक इतिहास के हिस्से के साथ अन्याय होता। आप इस किताब को पढ़कर कहेंगे कि आप एक 'वक़्त' से गुज़र कर आए हैं। संतोष भारतीय पत्रकारिता की दुनियाँ के शिखर व्यक्तित्व हैं। राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक विश्लेषण के विधा-गुरु हैं, एक बेहतरीन इंसान हैं, एक ज़िम्मेदार भारत के नागरिक हैं |