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Navjagran aur Stri (Hindi)

Navjagran aur Stri (Hindi)

Meena Sharma
630 759 (17% off)
ISBN 13
Barcode icon
9788179757048
Binding
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Hardbound
Language
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Hindi
Year
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2021
19वीं शताब्दी में नवजागरण का प्रश्न और ‘स्त्री का प्रश्न’ परस्पर एक–दूसरे के भीतर घुले–मिले हैं, अविभाज्य हैं, ऐसी स्थिति में प्रश्न यह उठता है कि इन तमाम प्रश्नों के बीच स्त्री कहां खड़ी थी ? उन प्रश्नों से स्त्री कैसे टकराती है, स्त्री की तमाम आकुलता, आत्मसंघर्ष के बीच सघन उपस्थिति समकालीन विमर्शों की दुनिया में गौण है अथवा मौन है, यह पुस्तक इस खाई को पाटकर और इतिहास के गर्द को साफ कर पंडिता रमाबाई, सावित्रीबाई फूले, ताराबाई शिंदे, रकमाबाई, स्वर्णकुमारी देवी, कल्पना जोशी, आनंदीबाई, कादंबिनी गांगुली, चंद्रमुखी बोस आदि संघर्षशील महिलाओं के मा/यम से इस ‘मौन’ को तोड़ने का लेखकीय हस्तक्षेप करती है । इतिहास में दबी एक स्त्री मानव की अपरिचित–सी आवाज, उपेक्षित–सी आवाज, असीम पीड़ा में भरी हुई आवाज की आवाज बनकर संवेदनशील पाठकों तक पहुंचाने की एक खोज–यात्रा है और इस यात्रा के विभिन्न पड़ावों, स्थितियों, संघर्षों का प्रामाणित रचनात्मक दस्तावेज प्रस्तुत करती है ।