Kathak Lok: Mandir, Parampara or Itihas (Hindi)
गहन शोध पर आधारित यह पुस्तक उत्तर भारत में सात हजार किलोमीटर की यात्रा और पांच साल के क्षेत्र स्तरीय कार्य, जांच और अन्वेषण का परिणाम है। उद्देश्य कथक गांवों के अस्तित्व और कथक और कथक लोक का प्रतिनिधित्व करने वालों को समझना था। गाँव-गाँव जाकर, मंदिरों में कथक लोक नृत्य देखकर, महाराजाओं, नर्तकों, विद्वानों और साधकों से मिलते हुए, लेखकों ने इतिहास को परत दर परत उभारा है। थोड़ा-थोड़ा करके तथ्य स्वयं प्रकट होते गये किया और एक स्पष्ट और सटीक तस्वीर पर से पर्दा धीरे-धीरे उठता गया। लेखकों ने ईसा पूर्व काल के कथक की बुनियाद और सदियों से धर्म के प्रचार और संरक्षण में इसकी भूमिका संबंधित सीमित उपलब्ध तथ्यों का पता लगाया जो आज भी एक जीवंत परंपरा के रूप में जारी है। यह पुस्तक कई लोकप्रिय धारणाओं को धराशायी कर देगी-जैसे कथक की मुगल उत्पत्ति।